rd singh posted an update 5 years, 8 months ago
सबको होली मुबारक हो🤣🤣🤣
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होरी का समय चल रहा है,
आल्हा का आने वाला है।
वो भी कवियों के मंचों पर,
तो होरी पर कुछ पंक्तियां आल्हा में-
*************************होरी आई कवि टोली में,
अजब रंग की गजब बहार।
भाँति-भाँति के शब्द-रंग की,
फेंक रहें हैं बड़ी फुहार।।
मुँह की बना लई पिचकारी, मारें बड़ी जोर की मार।
हुड़दंगी कवि यहाँ मारते, सीमा पर दिखती ललकार।।बोल, तोप के गोला जैसे,
जब कवि छोड़े टोली बीच।
फटे भीड़ काई की नाईं,
देत रेख मीलों तक खींच।।
भीगे एक, रंग दस जावें, छीटे लाखों तक हैं जात।
सहयोगी अरु मंच-प्रबंधक, मूँछों-मूँछों में मुस्कात।।बड़े खिलाड़ी रंग-मंच के,
दुब्बे, छक्के रहे लगाय।
नर, नारी में भेद करें नहि,
सबको देते खूब भिगाय।।
गोरी, काली-सी ललकारे, सबके छक्के देत छुड़ाय।
श्वेत, श्याम सारी चुनरी ही, एक छींट में रही सुहाय।।घर-घर जा कुण्डी खटकाएं,
कायर संग पकड़ ले जाँय।
गुझिया, हिस्से मिलें जहाँ भी,
चटकारे ले ले के खाँय।।
खाट छोड़ बीमार पड़े ‘ऋतु’, भी टोली में भए शुमार।
गाल फुलाय रंग बेढंगे, वह भी फेंकन को तैयार।।******१९०३२०१९******
स्वरचित-
ऋतुदेव सिंह ‘ऋतुराज’
गाजियाबाद