Rishabh srivastava posted an update 9 years, 11 months ago
पहले लोग ‘बेटा’ के लिये तरसते थे..
और आजकल डेटा के लिये
आज की सबसे बड़ी दà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾…..
मोबाइल बिगड़ जाये तो बचà¥à¤šà¥‡ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°
और बचà¥à¤šà¥‡ बिगड़ जाये तो मोबाइल
जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°….” बदल गया है जमाना पहले माठका पेर छू कर निकलते थे,अब मोबाइल की बेटरी फà¥à¤² करके निकलते है ।It is Awesome
>>कà¥à¤› लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़तà¥à¤®
होजाता है इतना परेशान हो जाते हैं माने जैसे सà¥à¤¬à¤¹
तक वो इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨
जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात
करनी थी।>> कà¥à¤› लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2%
हो तो चारà¥à¤œà¤°
की तरफ à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤¾à¤—ते है जैसे उससे कह रहे
हो “तà¥à¤à¥‡ कà¥à¤›
नहीं होगा à¤à¤¾à¤ˆ ! आà¤à¤–े बंद मत करना मैं हूठन !
सब
ठीक हो जायेगा।>>कà¥à¤› लोग अपने फोन में à¤à¤¸à¥‡ पैटरà¥à¤¨ लॉक लगाते हैं
जैसे आई à¤à¤¸ आई की सारी गà¥à¤ªà¥à¤¤ फाइलें
उनके फ़ोन में
ही पड़ी हो।>>कà¥à¤› लोग जब आपसे बात कर रहे होते हैं तो बार बार अपने
फ़ोन को जेब से निकालते हैं, लॉक खोलते हैं और वापस लॉक
कर देते हैं…वासà¥à¤¤à¤µ में वे कà¥à¤› देखते नहीं हैं,
बस ये जताते हैं
कि वो जाना चाहते हैं।>>गलती से फ़ोन किसी दà¥à¤¸à¤°à¥‡ दोसà¥à¤¤ के
यहाठछà¥à¤Ÿ जाà¤
तो à¤à¤¸à¤¾ महसूस होता हैं जैसे
अपनी à¤à¥‹à¤²à¥€-
à¤à¤¾à¤²à¥€ गरà¥à¤²à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚ड
को शकà¥à¤¤à¤¿ कपूर के पास छोड़ आये हो।