Rishabh srivastava posted an update 9 years, 10 months ago
आज का विचार:
चिड़िया जब जीवित रहती है
तब वो चिंटी को खाती हैचिड़िया जब मर जाती है तब
चींटिया उसको खा जाती है।
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इसलिठइस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखो की समय और सà¥à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ कà¤à¥€ à¤à¥€ बदल सकते है.
इसलिठकà¤à¥€ किसी का अपमान मत करो
कà¤à¥€ किसी को कम मत आंको।
तà¥à¤® शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हो सकते हो पर समय तà¥à¤®à¤¸à¥‡ à¤à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ है।
à¤à¤• पेड़ से लाखो माचिस की तीलिया बनाई जा सकती है
पर à¤à¤• माचिस की तिलà¥à¤²à¥€ से लाखो पेड़ à¤à¥€ जल सकते है।कोई चाहे कितना à¤à¥€ महान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना हो जाà¤, पर कà¥à¤¦à¤°à¤¤ कà¤à¥€ à¤à¥€ किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।
कंठदिया कोयल को, तो रूप छीन लिया ।
रूप दिया मोर को, तो ईचà¥à¤›à¤¾ छीन ली ।
दी ईचà¥à¤›à¤¾ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ को, तो संतोष छीन लिया ।
दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।
दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे à¤à¥€ मोकà¥à¤· छीन लिया ।मत करना कà¤à¥€ à¤à¥€ ग़à¥à¤°à¥‚र अपने आप पर ‘ठइंसान’
à¤à¤—वान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिटà¥à¤Ÿà¥€ से बना के, मिटà¥à¤Ÿà¥€ में मिला दिठ।