वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए अनुसंधानरत। अगले दो साल में औद्योगिकी उत्पादन प्रस्तावित डाॅ. जी, नालनकिल्ली, निदेशक
डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954
कानपुर । वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान, सामान्य कपडे से ढाई गुणा ज्यादा मजबूत एंटीबैक्टीरियल व फायर रजिस्टेट, धूप और बारिश, पसीने की दुर्गंध रहित कपडे का औद्योगिक उत्पादन अगले दो वर्षो मे अनुसंधान पूरा होने के बाद शुरू किया जा सकता है । यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।
Dr Shubhankar Maity |
अनुसंधान कार्य उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआई) में ऐसा कपड़ा तैयार किया जा रहा है
वर्तमान मे बुलेट प्रूफ जैकेट में प्रयोग होने वाला कपड़ा कीमती है और स्वदेशी निर्माता भी इसके आयात पर निर्भर है वह दो साल में कमजोर हो जाता है।
जैकेट के कपड़े में प्रयोग होने वाले डिजाइन भी रंग छोड़ देते हैं, जिससे सुरक्षाकर्मिक दुश्मन की नजर में आ जाते है। कुछ समय के प्रयोग के बाद जैकेट के कपड़े से पसीने की दुर्गंध भी आने लगती है जो सुरक्षाकर्मियों को बेचैन करती है।
संस्थान के परियोजना प्रभारी प्रोफेसर शुभांकर मैती के मुताबिक बुलेट प्रूफ जैकेट में कपड़े की भूमिका महात्वपूर्ण है। अनुसंधानित कपडा कवच पैनल को मजबूत, बारिश, धूप, लौ और चिपचिपाहट बढ़ाने वाले तत्वों, मिट्टी या धूल, धोने से रंग, आग व अल्ट्रावायलेट किरण हथियार या अन्य उपकरण रखने पर कपडा लटकता है से रोधी है जैकेट की अभेद्यता व सुरक्षा की दृष्टि से उच्च होगा ।
एंटी बैक्टीरियल होने के कारण संक्रामक बीमारी का असर जैकेट व उयोगकर्ता पर नहीं होगा। वर्तमान मे प्रयोग किये जाने वाले कपड़े को दो साल तक उपयोगी रहता है परन्तु शोध से प्राप्त कपड़ा पाचं साल तक प्रयोग में लाया जा सकेगा। इस प्रकार का कपड़ा पूरी दुनिया में कही नहीं मिल रहा है।
-डाॅ. जी, नालनकिल्ली, निदेशक |
डाॅ. जी, नालनकिल्ली, निदेशक के अनुसार
यह अनुसंधान देश का मान बढ़ाने वाला और भारत आत्मनिर्भर अभियान से प्रेरित है। अगले दो साल में इसका औद्योगिकी उत्पादन शुरू किया जाना प्रस्तावित है ।